(राजस्थान टीवी न्यूज़) बूंदी, मानव सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश खोईवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजकर सफाई कर्मचारी भर्ती में निजी क्षेत्र में कार्य करने वाले सफाई कर्मियो के अनुभव प्रमाण पत्रों को मान्य करने और सफाई कर्मचारी भर्ती मे वाल्मिकी समाज को प्राथमिकता देने की मांग की है।
राजेश खोईवाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र मे अवगत करवाया कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायो में सफाई कर्मचारियों की भर्ती की प्रकिया आरम्भ कर दी गई है लेकिन उक्त भर्ती प्रकिया में सफाई कर्मचारी हेतु नगर निगम, नगर परिषद, नगरपालिका में सफाई कार्य करने का अनुभव प्रमाण पत्र ही मांगा गया है जो व्यवहारिक नही है।
वाल्मीकि समाज के लोग बडी संख्या में अन्य राजकीय विभागो में संविदा पर, व गैर सरकारी कार्यालयों में ठेके पर सफाई कार्य करते आ रहे है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में दुकानों, अस्पतालों, होटलों, मैसों, बैंकों आदि में सफाई कार्य कर अपना जीवन यापन कर रहे है। वाल्मीकि समाज के गरीब तबके के लोग कई घरो में भी मामूली दाम पर शौचालय की सफाई करने का भी काम करते है। राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकायो में सफाई का अनुभव प्रमाण पत्र ही मान्य करने से निजी क्षेत्र में काम करने वाले प्रदेश के हजारों गरीब परिवार के सफाई कर्मचारी इस भर्ती मे चयनित होने से वंचित हो जायेंगे जो वाल्मिकी समाज के निर्धन लोगो के साथ अन्याय होगा।
खोईवाल ने कहा कि वाल्मीकि समाज सैकडों वर्षो से सफाई कार्य में लगा हुआ है आज भी वाल्मीकि समाज की अधिकांश आबादी सफाई के कार्य में लगी हुई है इसलिए राज्य सरकार को सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगो को अधिक से अधिक संख्या में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होने मुख्यमंत्री से वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त में बदलाव कर निजी क्षेत्र में सफाई के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य करने, भर्ती प्रकिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ आयोजित करवानें की मांग की है
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