राजेश खोईवाल (राजस्थान टीवी न्यूज़) कोटा, 14 अप्रेल। कोटा दक्षिण के वार्ड नंबर 2 स्थित शक्तिनगर के शक्तेश्वर पार्क में चल रही श्रीराम कथा के छठवें दिन श्रीराम विवाह कथा का आयोजन किया गया। जिसमें कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई। श्रद्धालुओं ने राम विवाह की कथा को सुनकर अपने आपको धन्य समझा।
कथा वाचक प्रसिद्ध कथावाचक गौरव कृष्ण तिवारी महाराज ने बताया कि श्रीराम व माता सीता समस्त जगत के कर्ताधर्ता भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी के स्वरूप थे। जिन्होंने धर्म की पुनः स्थापना और मनुष्य जाति के लिए एक आदर्शवादी व मर्यादित जीवन की नियमावली व मिसाल कायम करने के लिए धरती पर मानव रूप में अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी आदर्श पति-पत्नि का जिक्र होता है, आज भी प्रभुश्री राम और माता सीता का उदाहरण दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम के गुरु विश्वामित्र को संदेश मिला कि राजा जनक के महल में एक शिव धनुष है जो सीता माता ने उठा लिया था। जब यह बात राजा जनक को पता चली तो उन्होंने सभी राज्यों के राजाओं को संदेश दिया जो भी राजा इस धनुष को उठा लेगा उसी से सीता का विवाह होगा।
यह सुनकर स्वयंवर में सभी राजा उपस्थित हुए और धनुष को उठाने का प्रयास किया लेकिन उठा न सके। यह सुनकर विश्वामित्र अपने शिष्य भगवान श्री राम के साथ स्वयंवर में पहुंचे और भगवान श्री राम ने अपने गुरू विश्वामित्र का आदेश पाकर धनुष को उठाकर तोड़ दिया।
राजमहल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। सीता माता ने भगवान श्रीराम के गले में वरमाला डाल दी इस प्रकार विवाह संपन्न हुआ। यह देख कर पंडाल में श्रद्धालुओं ने श्री राम के जयकारे और सीता माता के जयकारों से पूरे पंडाल गूंजने लगा। वही भगवान श्री राम के विवाह के उत्सव में श्रद्धालु झूमने लगे।
स्थानीय पार्षद धीरेन्द्र चौधरी व समाजसेवी सुरेन्द्र चौपड़ा ने बताया कि कल की कथा में भगवान राम का प्रसंग रहेगा। कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम 5 बजे तक चल रही है। (पूरे भारत में इस कथा का सीधा प्रसारण दिव्यलोक टीवी के माध्यम से जियो सेटअप बॉक्स चैनल No. 1126 पर देख सकते है व दिव्यालोक टीवी के youtube पर और महाराज श्री के youtube चैनल पर भी देख सकते है
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