बूंदी (राजस्थान टीवी न्यूज)
जैन मुनि सुधासागर जी महाराज के आह्वान के बाद हरकत में आए जैन समाज बंधुओं ने विधेयक के खिलाफ ईमेल के जरिए दर्ज करवाई आपत्ति केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित पशुधन आयात एवं निर्यात विधेयक 2023 (ड्राफ्ट) के तहत जिंदा पशुओं को निर्यात करने के मामले को लेकर देश, प्रदेश के जैन समाज बंधुओं के साथ बूंदी के जैन समाज बंधुओं में रोष उत्पन्न हो गया। जैन मुनि सुधा सागर जी महाराज द्वारा झांसी के करगंवा में एक धर्म सभा के दौरान प्रस्तावित विधायक का कड़ा विरोध करने का आह्वान किए जाने के पश्चात जगह-जगह जैन समाज बंधुओं द्वारा इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है। वही बड़ी तादाद में इस विधेयक के खिलाफ जैन समाज बंधुओं द्वारा आपत्ति भी दर्ज करवाई गई है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयक को तुरंत निरस्त करने की मांग करते हुए शीलोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के मंत्री सुनील जैन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयक को लेकर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव को ईमेल के माध्यम से आपत्तियां दर्ज करवाई गई है।
सुनील जैन ने कहा कि जिंदा पशु-पक्षियों एवं मवेशियों को हेरा-फेरी कर उनके एक्सपोर्ट को इस तरह से पुश करना, संविधान के प्रावधानों एवं भावना के खिलाफ है।
वर्तमान में दुनिया भर में भी जिंदा पशुओं के एक्सपोर्ट की प्रथा की आलोचना कर, जिंदा पशुओं के एक्सपोर्ट को बंद करने की मांग की जा रही है। इस विधेयक के पारित होने से राष्ट्रीय पशु संपत्ति के हितों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जबकि भारत से बड़े पैमाने पर मांस निर्यात के चलते, पशु-पक्षी वर्ग तो पहले से ही सरकार और इसकी मशीनरी की घोर उपेक्षा एवं उदासीनता का शिकार है।
सुनील जैन ने कहा कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा यह विधेयक लाया गया है जबकि इस मंत्रालय का क्षेत्राधिकार केवल पशुओं के आयात से संबंधित मामलों तक ही सीमित है और निर्यात मामला डीजीएफटी, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए उपरोक्त प्रस्तावित विधेयक में लाया गया निर्यात का मसला, संपूर्ण विधेयक की कानूनी वैधता पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े करता है। शीलोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के मंत्री सुनील जैन ने केंद्र सरकार से प्रस्तावित पशुधन आयात एवं निर्यात विधेयक 2023 तत्काल रद्द करने की मांग की है
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