- कोटा शिक्षा के साथ रक्त नगरी के रूप में बनाए पहचान
कोटा रक्तदान के क्षेत्र में अव्वल हो, मानवीय सेवा के कार्यों में निरंतर प्रगति हो ऐसा प्रयास करने की आवश्यकता है, तभी शहर शिक्षा नगरी के साथ साथ रक्तनगरी के रूप में पहचान बना सकेगा। ये बात रजनीश खंडेलवाल ने 11वीं बार जरूरतमंद के लिए एसडीपी डोनेशन करते हुए कही। खंडेलवाल ने आरटीयू में प्रोफेसर रंजन माहेश्वरी के पिता इन्द्र लाल माहेश्वरी के लिए एसडीपी डोनेट की। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब इंटरनैशनल के डिस्ट्रिक्ट ब्लड चैयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि निजी अस्पताल में भर्ती इन्द्रलाल माहेश्वरी की प्लेटलेट गिरती जा रही थी, चिकित्सकों ने एसडीपी की तुरंत व्यवस्था के लिए कहा।
रंजन माहेश्वरी परेशान हो गए। उन्होंने कई प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली, इधर समय व्यतीत होने से उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही थी। उसके बाद टीम जीवनदाता से सम्पर्क किया तो तुरंत प्रयास किए गए।
बी पॉजीटिव के लिए मेडिकल कॉलेज के मेडिसीन विभाग के आईसीयू में नर्सिंग आॅफिसर *रजनीश खंडेलवाल* को कॉल किया तो वह सहज ही तैयार हो गए और अपना ब्लड सेंटर तलवंडी पहुंचे और एसडीपी डोनेशन की। वह *25 बार ब्लड डोनेशन भी कर चुके हैं और कुल 36 बार डोनेशन* कर चुके है
रजनीश खंडेलवाल कहते हैं कि कोटा का नाम रक्तदान के क्षेत्र में सबसे आगे होना चाहिए। उन्होंने एक वाट्सअप ग्रुप बना रखा है, जिसके माध्यम से वह सेवा करते हैं। अस्पताल में *ड्यूटी के दौरान मरीज के नजदीक रहकर दर्द को समझने वाले* रजनीश का कहना है कि वे ड्यूटी के बाद भी मानव सेवा के इन्ही कार्य को करते रहते है। उनकी इसी प्रेरणा से मेडिकल क्षेत्र के काफी लोग अब आगे आकर रक्तदान के पुनीत कार्य में रुचि लेने लगे है
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