मानव सेवा समिति प्रदेश अध्यक्ष राजेश खोईवाल ने जिला कलेक्टर बूंदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है की राजस्थान सरकार संविधान के विपरीत जाकर बिना आरक्षण ही विद्या संबल योजना के तहत 93 हजार गेस्ट फैकल्टी टीचर सीधी भर्ती पर लगा रही है राज्य सरकार जल्द ही अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है
राज्य सरकार की विद्या संबल योजना में हाई परसेंटेज वालों को प्राथमिकता दी जाएगी, जब की एसटी एससी ओबीसी के गरीब परिवारों के अधिकतर बच्चे विपरीत स्थिति में पढ़ाई करने की वजह से ज्यादा परसेंटेज नहीं बना पाते हैं
ऐसे में विद्या संबल योजना में आरक्षण लागू नहीं होने से गरीब परिवारों के बच्चे इस योजना की घोषणा होने पर ही बाहर हो गए हैं,
बिना आरक्षण विद्या संबल योजना में गैस फेकल्टी टीचर लगाए जाने पर एसटी एससी ओबीसी के 45 हजार से अधिक परिवारों के गरीब छात्र-छात्राओं के अधिकारों का होगा हनन
अगर आरक्षण के माध्यम से गेस्ट फैकेल्टी टीचर लगाए जाते हैं तो लगभग 45 हजार एसटी एससी ओबीसी के परिवार के बच्चो को रोजगार प्राप्त होगा
और 45 हजार परिवारो में खुशियों की सौगात मिलेगी
राज्य सरकार को पुनर्विचार कर विद्या संबल योजना में आरक्षण लागू कर गरीब परिवार के बच्चों को भी इसमें शामिल करना चाहिए
राज्य सरकार द्वारा प्रधानाचार्य एवं हेड मास्टर को विद्या संबल योजना में सलेक्शन करने का और हटाने का अधिकार देने से गरीब परिवारों के बच्चों के साथ मनमानी व भेदभाव होने की पूरी पूरी संभावना है
इसलिए राज्य सरकार को समानता पूर्वक कार्य करते हुए आरक्षण के आधार पर विद्या संबल योजना में गेस्ट फैकेल्टी टीचर लगाने का पुन: विचार करना चाहिए,
अन्यथा राज्य सरकार के बिना आरक्षण विद्या संबल योजना के इस फैसले का एसटी एससी ओबीसी से जुड़े संगठन करेंगे विरोध प्रदर्शन जिसका खामियाजा राज्य सरकार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा,
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