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Tuesday, May 23, 2023

बुंदी जिले के छोटे से गांव से बना पहला कलेक्टर रामशंकर मीना का हुआ भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन

राजेश खोईवाल 
बून्दी (राजस्थान टीवी न्यूज) मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई), 2022 के अंतिम परिणाम में बून्दी जिलें की जलोदा पंचायत से छोटे से गांव खेड़ली मेहता के रामशंकर मीणा का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ हैं। रामशंकर मीणा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी परिणाम में 798 वीं रैंक प्राप्त की है। राम शंकर मीणा ने अपने चयन पर खुशी जाहिर करते हुए आईपीएस में जाने की इच्छा जताई हैं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से और सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा केशवराय पाटन से करने वाले रामशंकर ने कोटा विश्वविद्यालय से बीए, करने के बाद वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में एमए, किया है।
शिक्षा के साथ ग्रामीण क्षेत्रों मे जताई पुस्तकालयों की आवश्यकता
रामशंकर मीणा ने अपने क्षेत्र सहित बून्दी जिलें मे शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से पुस्तकालय खोले जाने की आवश्यकता जताई है। इन्होंने कहा कि गांव गांव में युवाओं के बीच नशाखोरी का जाल फैला हुआ हैं, जिसके कारण भी युवा शिक्षा की ओर बढ़ नहीं पा रहे है। जून 1994 को जन्में रामशंकर के पिता दुर्गा लाल मीणा जयस्थल स्कूल में तृतीय श्रेणी अध्यापक हैं, वहीं इनकी माता अयोध्या बाई सामान्य गृहिणी हैं। रामशंकर की प्रेरणा इनके बड़े भाई कृष्ण बिहारी मीणा जहाजपुर भीलवाड़ा में गणित विषय के स्कूल प्राध्यापक पद पर कार्यरत है। 2015 से दिल्ली में रह कर भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे रामशंकर ने 6ठां मुख्य परीक्षा और पहले साक्षात्कार के बाद प्राप्त की है। गौरतलब हैं कि सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए कुल 11,35,697 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 5,73,735 अभ्यर्थी वास्तव में परीक्षा में शामिल हुए थे। परिणामों के अनुसार विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा कुल 933 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई है।
जहरीले सांपों का रेस्क्यू करते हैं रामशंकर के पिता
भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित रामशंकर के पिता दुर्गा लाल मीणा अध्यापक होने के साथ केशवराश्य पाटन सहित संपूर्ण हाडौती क्षेत्र में जहरीले सांपों को रेस्क्यू करने का काम भी करते हैं। यह अब तक 4588 से ज्यादा सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ चुके है। दुर्गा लाल मीणा ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इच्चें की 9 सालों की महनत के साथ मेरा सपना साकार हो गया हैं। मेरा सपना इसे आईस /आईपीएस बनाने का था। जो आज पूरा हो गया हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित मीणा ने प्रशासन से गांवों मे पुस्तकालयों की उपलब्धता के लिए निवेदन भी किया, ताकि ग्रामीण प्रतिभाएं भी आगे आ सकें। इस उपलब्धि पर गांव सहित जिलें भर से समाज बंधुओं और परिचितों का बधाई देने का तांता लगा हुआ है

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