बुंदी (राजस्थान टीवी न्यूज)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बाहरली बूंदी स्थित ब्रह्माकुमारीज केंद्र में तत्वाधान में मातृ दिवस पर मातृ शक्तियों का सम्मान एवं संगोष्ठी कार्यक्रम स्वस्थ एवं सुखी परिवार में माताओं की भूमिका विषय पर आयोजन हुआ। कार्यक्रम के अतिथि नगर परिषद सभापति मधु नुवाल, श्रीमती मालविका त्यागी सहायक कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट अतिरिक्त प्रभार अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीलिंग बूंदी,उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग बूंदी सहायक निदेशक लोक सेवाएं प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग, जिला बूंदी ,महिला भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीमती नुपर मालव केंद्र प्रभारी ब्रह्मा कुमारी रजनी दीदी, ब्रह्माकुमारी गीता दीदी का ताज, तिलक, माला,ऊपरना पहना कर स्वागत सम्मान किया। सभी अतिथियों ने माताओं को मातृ दिवस पर ताज तिलक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर ब्रह्माकुमारी मनीषा ,कुमारी लक्षिता, अर्चना सक्सेना ने नृत्य नाटिका के माध्यम से माताओं को यह संदेश दिया वह कितना भी व्यस्त हो लेकिन बच्चों के लिए समय अवश्य निकालें। ब्रह्माकुमारी निकिता बहन ने स्वागत नृत्य के माध्यम से सभी मातृशक्ति का स्वागत किया। कुमारी टिवीसी ने मेरी प्यारी अम्मी गीत गाकर अपनी मां के प्रति भाव प्रकट किए। ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने तू कितनी अच्छी है....गीत गया। श्रीमती मालविका त्यागी सहायक कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट ने संबोधित करते हुए कहा माता पिता का आशीर्वाद हमें रोजाना लेना चाहिए, क्योंकि मैं समझती हूं कि माता पिता के चरणों में स्वर्ग होता है। मां सिर्फ एक शब्द नहीं जीवन जीने में सहायता करने वाली दया और करुणा की अनेक रूप है। यहां आकर सुखद अनुभूति हो रही है। मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई भी नहीं। संतान के लिए मां के त्याग व श्रम की तुलना किसी से नहीं हो सकती। ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने मातृ दिवस की महत्ता बताते हुए कहा कि आज के समय में मां हमें कई रूपों में मिल रही है। हमें सभी रूपों की मां की सेवा करनी होगी तभी उसका फल मिलेगा। परिवार के लिए मां के योगदान बहुत आवश्यक है। एक मां बच्चे की प्रथम गुरु होती है, जो उन्हें बोलना सिखाती है। एक शिक्षक के रूप में सही मार्गदर्शन भी देती है। एक सखा बनकर बच्चे का दुख सुख बांटती है। संसार के सभी संबंध, बच्चा अपनी मां में ही देखता है। एक बच्चे के लिए उसकी मां ही उसका संसार होती है।
उन्होंने कहा कि अगर मूल्यनिष्ठ परिवार के लिए मां अपने जीवन में दया करुणा स्नेह, शांति, प्रेम जैसे मूल्यों को लेकर आए, तो बच्चों के अंदर वहीं संस्कार बनेंगे। हर मां को जीवन में अध्यात्म को लाना बहुत आवश्यक है। आगे गीता दीदी ने कहा सबसे बड़ी मां शिव हैं जिन्होंने इस दुनिया की सबसे खूबसूरत रचना की है ।।
केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी ने ने मदर्स डे पर अपनी शुभकामनाओ देते हुए नारी जगत की महिमा की और कहा की विश्व परिवर्तन के कार्य के लिए स्वयं परमात्मा ने माताओ बहनो के सिर पर जिम्मेदारिओं का कलश रखा है| वर्तमान समय की नारी समाज के विभिन्न असंभवित क्षेत्रों में भी पहुंचकर अपना योगदान डे रही है यही प्रमाण है की नारी अबला नहीं सबला है | नारी नर्क का द्वार नहीं किन्तु स्वर्ग का द्वार है | नारी ही जगत की उध्धारक आज एक परिवार की , समाज की , राज्य की या देश की सफलता की आधारशिला नारी ही है |
एक सफल नारी में नारीत्व के जो दर्शन होते है उसके पीछे महिला अर्थात एक माता का योगदान होता है | माता का बलिदान अपनी बेटियों, अपनी बहु, के लिए अमूल्य बन जाता हैं |
नगर परिषद सभापति मधु नुवाल ने कहा जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता भी निवास करते हैं माता का हृदय बहुत ही पवित्र और विशाल होता है क्योंकि मैं समझती हूं कि माता पिता के चरणों में स्वर्ग होता है। मां सिर्फ एक शब्द नहीं जीवन जीने में सहायता करने वाली दया और करुणा की अनेक रूप है। महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष नूपुर मालव ने कहा माता-पिता का सभी को सम्मान करना चाहिए । बचपन से ही मां के द्वारा प्राप्त शिक्षा ही हमें आगे जाकर मुश्किल घड़ी में काम आता है। अगर बेटा है तो परिवार और रोजगार कैसे चलाया जाए और बेटी हो तो ससुराल जाकर ससुराल वालों को अपने पति को कैसे आदर सम्मान दिया जाए एक मां ही अपने बच्चों को सिखाती है। आगे जाकर वाह बेटी जब खुद मां बनती है तो उसे भी मां का कर्तव्य निभाना है सिर्फ एक ही सिखा सकती है। मां ज्ञान-गंगा की सागर है और इस सागर से हर किसी को सीखना चाहिए और अपने अपने माता-पिता का सभी को सम्मान करना चाहिए।
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