बूंदी (राजस्थान टीवी न्यूज़) 18 सितम्बर। पीरजादा अब्दुल शकूर कादरी फिर से बूंदी शहरकाजी होंगे। कार्यवाहक शहरकाजी गुलाम गोस को उनके पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। शहर के आजाद पार्क के सामने स्थित कादरी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए काजी काउंसिल के सरपरस्त अब्दुल शकूर कादरी ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों से मिल रहे हैं फीडबैक आधार पर कार्यवाहक शहर काजी गुलाम गोस को उनके पद से कार्य मुक्त किया गया है। शहरकाजी पहले में ही था लेकिन मैंने उन्हें अपनी कज्जात संभलाई हुई थी। 5 साल पूर्व कुम्भा स्टेडियम में आयोजित हुए मुस्लिम समाज के सम्मेलन में शहर काजी पद की कुछ शक्तियां देते हुए नायब काजी गुलाम गोस को अपना कार्यवाहक पद संभलाया था और उनसे समाज को नई दिशा देने की उम्मीद की थी लेकिन 5 साल बाद जब उनके कार्यकालों की समीक्षा की गई तो वह कई मोर्चों पर खतरे नहीं उतरे। जिस पर मैंने उन्हें पद से कार्य मुक्त करने की इच्छा जताई। उन्होंने पत्रकारों और जिला प्रशासन से अपील की है कि शहर काजी शब्द का गलत इस्तेमाल करने वाले लोगों चिन्हित किया जाए ताकि बेवजह इस पद को बदनाम नहीं हो।
शहरकाजी अब्दुल शकूर कादरी ने कहा की पिछले 50 सालों से मेरे पिता चमन कादरी बूंदी शहर काजी पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने समाज को नई दिशा देने का काम किया। पिछले 15 सालों से में बूंदी शहर काजी रहते हुए समाज को एकजुट करने का काम कर रहा हूं। कुछ लोगों का यही काम होता है कि वह विरोध करें मेरे पिता जब शहर काजी हुआ करते थे तब भी उनका लोग विरोध करते थे और आज मैं शहरकाजी हूं तब भी लोग मेरा विरोध कर रहे हैं मुझे अपना काम करना है। समाजो को लड़ाने वाले लोगों को सबक सिखाना है ताकि हमारे देश में आपसी भाई चारा बना रहे।
शादी में डीजे की पाबंदी, निकाह पढ़ाया तो मौलाना का रजिस्ट्रेशन रद्द
शहर काजी का पद वापस संभालने के बाद अब्दुल शकूर कादरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्व में जब शहर काजी था तब शरीयत के अनुसार शादी में डीजे की पाबंदी लगाई थी अब वापस से जब अपना पद संभाल रहा हूं तो मैं समाज बंधुओ से निवेदन करना चाहता हूं कि वह निकाह में डीजे नहीं बजाये। यदि कोई डीजे बजाएगा तो संबंधित निकाह में कोई भी मौलाना या काजी निकाह नहीं करवाएंगे। यदि नियम तोड़ने की जानकारी मेरे पास आई तो संबंधित मौलाना या काजी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दूंगा। उन्होंने कहा की शादी में अमन चैन होना चाहिए मुस्लिम समाज में शरीयत के अनुसार इस प्रकार से डीजे बजाकर निकाह करने पर साफ मना किया हुआ है।
1100 रुपए की फीस निर्धारित, ज्यादा वसूला तो कार्रवाई
शहर काजी अब्दुल शकूर कादरी ने कहा कि लोगों से मिले फीडबैक के अनुसार कई बार सामने आया कि मौलाना निकाह करने के दौरान मनचाहे निकाह की राशि को वसूलते है। यही नहीं बाद में जब विवाह सर्टिफिकेट बनाने के लिए पहुंचता है तो साइन करने की एवज में भी पैसे की मांग की जाती है जिस पर आज से यह फैसला लिया है कि बूंदी शहर या जिले में कहीं पर भी निकाह आयोजित होगी वहां मौलाना 1100 की ऑफिशियल राशि को लगा, यदि नेक के तौर पर कोई ऊपर से देना चाहे तो वह निकाह करने वाले की मर्जी है। लेकिन 1100 की राशि को लेकर कोई मना नहीं करेगा यदि हमारे पास इसकी कोई सूचना आती है तो संबंधित मौलाना पर कार्रवाई की जाएगी।
कादरी परिवार का रहा है अमन चैन का इतिहास
बूंदी जैतसागर रोड स्थित कादरी परिवार का अमन चैन को लेकर काफी पुराना इतिहास रहा है। मरहूम पीरजादा चमन कादरी लंबे समय तक बूंदी में शहर काजी रहे और उन्होंने अमन चैन को लेकर लोगों में अलख जगाई। बूंदी में कौमी एकता सोसायटी का गठन कर सभी समाजों के लोगों को जोड़ा। आज भी उनके मुरीद देशभर से आज भी उनके आस्थाने पर आते हैं। हर वर्ष उनके पुण्यतिथि पर लोग जुटते है। यही नहीं पूर्व में बड़े राजनेताओं का भी इस परिवार में आना-जाना लगा रहा। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित कई बड़े नेता परिवार के संपर्क में रहे। पूर्व शहर काजी चमन कादरी का निधन होने के बाद से उनके पुत्र अब्दुल शकूर कादरी शहर काजी का पद संभाल रहे है।
शहरकाजी बनने पर लगा बधाई देने वाले का तांता
अब्दुल शकूर कादरी का शहर काजी बनने पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। जैसे लोगों को शहर काजी बनने की सूचना मिली तो आजाद पार्क स्थित कादरी कार्यालय पर लोगों का जुड़ना शुरू हो गया, लोगों ने अब्दुल शकूर कादरी का माला पहनकर स्वागत किया। यहां जिला वक्फ बोर्ड के सचिव मौलाना असलम, कौमी एकता समिति के उपाध्यक्ष महमूद अली, एडवोकेट शिफाउल हक, कांग्रेस पार्षद मोइनुद्दीन फॉरवर्ड, इदरीश बोहरा, राशिद भाई, नासिर मुल्तानी, मुकेश जैन, गुड्डू कादरी, तनवीर कादरी सहित विभिन्न लोग मौजूद रहे।
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