बूंदी (राजस्थान टीवी न्यूज)
अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन के बूंदी जिला अध्यक्ष डीडीपी हरिप्रसाद कवरिया के नेतृत्व में आरक्षण में वर्गीकरण के विरुद्ध भारी संख्या में जंगी प्रदर्शन कर सोपा ज्ञापन
भारत के राष्ट्रपति व राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में बताया की सर्वोच्च न्यायालय के SC/ST वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण एवं क्रीमीलेयर
लागू करने के निर्णय दिनांक 01.08.2024 को असंवैधनिक घोषित करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा अभी हाल ही में 01 अगस्त, 2024 को देश में SC/ST वर्गों के
आरक्षण के पुनः उप-वर्गीकरण (Sub-classification) एवं क्रीमीलेयर लागू किये जाने के सन्दर्भ में दिया गया निर्णय संविधान की मूल भावना के विपरीत है तथा आरक्षण को समाप्त किये जाने का प्रयास है ।
SC/ST समुदाय के आरक्षण का एक मात्र मूलभूत आधार सामाजिक गैर-बराबरी अर्थात् छुआछूत व जातपात रहा है।
ऐतिहासिक तौर पर सामाजिक गैर-बराबरी की वजह से ही आरक्षण दिया गया है तो ऐसे में जाति के आधार पर प्रताड़ना झेलने वाले समुदायों के बीच आरक्षण का बँटवारा करना पूर्ण रूप से असंवैधानिक है ।
इस निर्णय के बाद राज्यों मे जहां जो भी राजनैतिक पार्टी सत्ता में होगी वह अपने-अपने हिसाब से अपने-अपने वोट बैंक के
लिए अपनी मनचाही जातियों को आरक्षण का अनुचित लाभ देने का प्रयास करेंगी। इस निर्णय के बाद SC/ST वर्गों के लोगों के भीतर आपसी द्वेष की भावना बढ़ेगी। इस प्रकार से इस निर्णय से ऐसी अनेकों समस्यायें उत्पन्न होगी जिसके कारण SC/ST वर्गों को मिल रहा आरक्षण ही समाप्त हो जाएगा और उनके हिस्से का आरक्षण अन्त में किसी ना किसी रूप में सामान्य वर्ग को ही दे दिया जायेगा । केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए तुरन्त कदम उठाना चाहिये और इसके लिये संसद का विशेष सत्र आहूत कर संविधान में उचित संशोधन करने के लिए विधेयक लाना चाहिये जिसके तहत् SC/ST का
उप-वर्गीकरण (Sub-classification) एवं क्रीमीलेयर लागू करने को हमेशा के लिए प्रतिबन्धित कर दिया जाये तथा इसके लिए
कानून बनाकर संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जावे।
SC/ST समुदाय की निम्न मुख्य मांगे हैं जिन पर सरकार द्वारा तुरन्त प्रभाव से आवश्यक कार्यवाही की जावें :-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST वर्गों के आरक्षण में उपवर्गीकरण एवं क्रीमीलेयर लागू करने के संबंध में दिये गये निर्णय
को निष्प्रभावी करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तुरन्त संसद का विशेष सत्र आहूत कर विधेयक पारित करवाया जावें और
अदालतों के हस्तक्षेप से बचाने के लिए इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जावें ।
सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में आरक्षण प्रणाली शुरू की जाए और इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा
अखिल भारतीय सेवाओं की तरह भारतीय न्यायिक सेवा (Indian Judicial Service) का शीघ्र गठन किया जाए और
वर्तमान मे लागू Collegium System को तुरन्त प्रभाव से समाप्त किया जावे।
देश मे जातीय जनगणना तुरंत प्रभाव से प्रारम्भ की जावे एवं SC/ST वर्गों की वर्तमान जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण में वृद्धि की जावे ।
02 अप्रैल, 2018 को" भारत बंद' आंदोलन के दौरान SC/ST वर्गों के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों को समाप्त किया जावे
तथा पुलिस में लम्बित अनुसंधान में अंतिम प्रतिवेदन (FR) तथा न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों को वापिस लिया जावे।
ट्राइबल सब प्लान (TSP) क्षेत्र में SC वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत से 5 प्रतिशत एवं सहरिया क्षेत्र में 16 प्रतिशत से 8 प्रतिशत
कर दिये जाने के कारण पूरे राजस्थान राज्य में SC वर्ग को वर्ष 2016 से मात्र 13-14 प्रतिशत ही आरक्षण मिल रहा है, अतः
TSP क्षेत्र में SC वर्ग को 5 प्रतिशत के स्थान पर 16 प्रतिशत एवं सहरिया क्षेत्र में 8 प्रतिशत के स्थान पर 16 प्रतिशत आरक्षण
दिया जावे।
केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा सभी सेवाओं में Backlog भरने हेतु समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कर विशेष भर्ती अभियान
(Special Recruitment Drive) प्रारंभ किया जावें ।
विभिन्न भर्ती संस्थानों में SC/ST वर्ग के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की तुलना में जातिगत
दुर्भावना के कारण कम अंक दिये जाते हैं।
इसलिए लिखित व साक्षात्कार में प्राप्त अंको के अन्तर को कम करने के लिए
moderation या बेहतर वैज्ञानिक प्रणाली लागू करना सुनिश्चित किया जावें ।
सेवाओं में भर्ती के दौरान आरक्षित वर्गों के लिए "उपयुक्त नहीं पाया गया' (Not Found Suitable) एवं अनुपलब्धता
(Not Available) की परम्परा को समाप्त किया जावें और SC/ST वर्ग के अभ्यर्थियों को न्यूनतम योग्यता मानदंड के स्थान
पर उपलब्ध योग्यतम अभ्यर्थी के आधार पर चयन करना सुनिश्चित किया जाए।
केन्द्र सरकार / राज्य सरकारो द्वारा सभी विभागों में सभी वर्गों के प्रतिवर्ष रोस्टर रजिस्टर विभागों की Website पर
प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य किया जावें ।
संविदा/पार्ट टाइम/ठेका पद्धति/आउटसोर्स/ एजेन्सी के माध्यम से अस्थायी रूप से रखे जाने वाले कार्मिकों की भर्तियों में
आरक्षण की व्यवस्था लागू किया जावें ।
संविदा भर्तियों को अल्पकालीन आवश्यकता की पूर्ति के लिए ही किया जावें व इन पदों पर बाद में स्थायी पदों की भर्ती की
जानी चाहिए ।
केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों में उच्च प्रशासनिक पदों पर बिना आरक्षण लागू किये Lateral Recruitment के
माध्यम से की जा रही सीधी भर्तियों को तुरन्त बंद किया जावे।
केंद्र सरकार द्वारा अधिकाश राजकीय उपक्रमों का बेचान किया जा रहा हैं, जिससे सरकारी नौकरियों की संख्या कम एवं नई
भर्तियाँ बंद हो चुकी हैं अतः निजी क्षेत्र मे भी आरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जावें ।
आरक्षण नियमों का पालन न करने पर सम्बंधित अधिकारियों को दण्डित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावें ।
विदेशी विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन के लिए SC/ST वर्ग के गैर आयकर दाता परिवारों के विद्यार्थियों का समस्त खर्चा
केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जावें ।
SC/ST वर्ग में गैर आयकर दाता परिवारों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नवोदय विद्यालय
के समान आवासीय मॉर्डन स्कूल / महाविद्यालय (English medium) स्थापित किये जावे एवं विद्यालयों/ विविद्यालयों व
छात्रावासों में अध्ययन का सम्पूर्ण खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जावें ।
SC/ST वर्ग के गैर आयकर दाता परिवारों के विद्यार्थियों का कक्षा 12 तक निजी विद्यालयों व छात्रावासों में अध्ययन का
सम्पूर्ण खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जावें ।
SC/ST वर्ग के गैर आयकर दाता परिवारों के विद्यार्थियों का कैरियर अभिवृद्धि हेतु कॉचिग व छात्रावासों में अध्ययन का
सम्पूर्ण खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जावें ।
केन्द्र सरकार / राज्य सरकारों के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में तथा आईआईटी, आईआईएम, 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों
एव मेडिकल कॉलेजों के अन्तर्गत विभिन्न संकार्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों में भी आरक्षण लागू किया जावें । बिट्स,
वीआईटी आदि जैसे शीर्ष निजी विश्वविद्यालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में भी SC/ST वर्ग के विद्यार्थियों के लिये आरक्षण
व्यवस्था लागू की जावे एवं गैर आयकर दाता परिवारों के विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु सम्पूर्ण व्यय सरकार द्वारा वहन किया
जावे ।
गैर आयकर दाता परिवारों के SC/ST वर्ग के विद्यार्थियों को अध्ययन के लिये शिक्षा ऋण (Education loan) को ब्याज
मुक्त (Interest Free) किया जावे।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा Special Component Plan (SCP) में आवंटित SC/ST फंड का अधिकांश हिस्सा
शिक्षा मद एवं इन वर्गों के परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने व आय वृद्धि हेतु उपयोग करने सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा है इस दौरान सैकड़ो कार्यकर्ता के नेतृत्व में बूंदी इकाई द्वारा भारी संख्या में जंगी प्रदर्शन कर ज्ञापन प्रस्तुत किया