यहां पहुंचे तो देखा कि घर में करीब 40 लोग थे। गैस का सिलेंडर गेट के आगे ही आग की लपटों से घिरा पड़ा था। गैस लीकेज की भी बदबू आ रही थी। सिलेंडर का पाइप अलग होने से आग फैलती जा रही थी।
कुछ ही देर में आग कमरे के दरवाजों तक फैल गई। पुलिसकर्मी दौड़े और जलते हुए सिलेंडर को घर से बाहर बरामदे में लेकर आए। बाहर आते ही सिलेंडर में लगी आग पर काबू पाया।
भट्टी जलाते ही आग पकड़ ली
थानाधिकारी ने बताया कि समारोह के चलते सुबह नहाने के लिए सुबह गर्म पानी रखा गया था। इसके लिए भट्टी पर पानी को गर्म करने की तैयारी की गई थी। भट्टी का रेग्युलेटर सिलेंडर में लगाने के दौरान वह टेढ़ा रह गया। ऐसे में जैसे ही भट्टी को चालू किया तो रेग्युलेटर में से गैस लीकेज होने लगी।
कुछ ही देर में गैस सिलेंडर आग की लपटों से घिर गया। ऐसे में वहां मौजूद एक व्यक्ति ने जलते सिलेंडर को बाहर लाने की कोशिश की, लेकिन जल्दबाजी में भट्टी का पाइप गेट में अटक गया और वह सिलेंडर से अलग हो गया। इतने में ही गैस लीकेज बढ़ना शुरू हो गया और आग बढ़ गई। उन्होंने बताया कि इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन घर का कुछ घरेलू सामान और दरवाजे जल गए। वहीं मकान मालिक का थोड़ा बहुत हाथ झुलस गया।
घर के चौक में लगा था टैंट, बीच में पड़े थे बिस्तर और गद्दे
थाना अधिकारी ने बताया कि थाने से घर की दूरी 700 मीटर की ही थी। उन्होंने बताया कि घर के चौक में टैंट लगा था। इसके साथ ही वहां बड़ी संख्या में बिस्तर और गद्दे पड़े थे। यदि समय रहते टीम नहीं पहुंचती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
उन्होंंने बताया कि पुलिसकर्मी गैस सिलेंडर को बाहर लेकर आए। टीम में शामिल हेड कॉन्स्टेबल रामचंद्र , कॉन्स्टेबल जयराम और दिनेश ने पानी डालना शुरू किया। इसके साथ वहां रखे गद्दे और बिस्तरोंं को गिला कर सिलेंडर पर डाला और आग पर काबू पाया।